History of Changez khan: चंगेज खान आधी दुनिया पर राज करने वाला

चित्र
  चंगेज खान     चंगेज खान का निजी जीवन  1162 में चंगेज खान का जन्म हुआ था| उसका नाम तैमूजीन गया था| जब उसका जन्म हुआ था तब उसके दाहिने हाथ में खून का धब्बा था | मंगल के लोग उसे दिव्य संकेत मानते थे एक ऐसा बच्चा जो दुनिया में राज करेगा या तो उसको तबाह कर देगा| तेमुजीन के पिता आचुतेय थे वह वह मंगॉल के कबिलेके बहादुर सरदार थे | तैमूजीन 9 साल का था तब उसके पिताजी ताताड़ जनजाति ने जहर देकर मार डाला | पिता की मृत्यु के बाद उनके ही काबिले के लोगों ने तैमूजेन और उसके परिवार को बेसहारा छोड़ दिया | बर्फीले जंगलों में उसके परिवार को अकेला छोड़ दिया| तैमूजीन ने शिकार करना सिखाए इस तरह बचपन में अकेले रहने से उसके मन में ए बैठ गया कि जिनेके लिए किसी पर भरोसा नहीं करना | उसे अपनी ताकत पर ही भरोसा करना पड़ेगा|  समय जाते-जाते उसने छोटे-छोटे साथियों को फिर से जुड़ा | उसने देखा कि पुराने मंगोलियों की जाती आपस में ही लड़कर बर्बाद हो रही थी | तैमूजीन जनता था कि उसे कुछ बड़ा करना होगा इस बिखरी ताकत को एक करना होगा | लेकिन उन्हें खून के रिश्ते को नहीं वफादारी और काबिलियत के लोगों ...

EIFFEL TOWER : क्या आप एफिल टावर के बारे में यह बात जानते हो?

 एफिल टावर 

 एफिल टावर किसने बनाया?

 एफिल टावर पेरिस का सबसे बड़ा प्रसिद्ध प्रतीक है | इस टावर की डिज़ाइन Guatave Eiffel ने की है | एफिल टावर को बनाने की शुरुआत 1887 में की गई थी और 31 मार्च 1889 में पूरा हुआ था| एफिल टावर की ऊंचाई 330 मीटर है कुछ समय की वह सबसे बड़ी मानव रचना थी|

                           Guatave Eiffel 

एफिल टावर को बनाने में किन -किन चीज की जरूरत पड़ी?

  एफिल टावर को बनाने में 8000 लोहे के टुकड़े का और 2.5 मिलियन कील का उपयोग किया गया था| ए इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना था | इसको बनाने में 70 लाख लोहे का इस्तेमाल किया हुआ है 300 मजदूरों ने 2 साल तक लगातार मेहनत करके बनाया है|

 आखिर एफिल टावर क्यों बनाया?

 दुनिया भर में मेला करने वाली कंपनी एक्सपोजिशन यूनिवर्सल ने 1886 में उसने कहा कि 3 साल बाद पेरिस में एक शानदार मेले का आयोजन किया जाएगा| कंपनी ने कहा कि फ्रांसिस की क्रांति के 100 साल पूरे होने पर 1889 में इस मेले का आयोजन होगा | इसको लेकर एंट्री के लिए गेट बनवाना था | इसका गेट बनाने के लिए एक कोम्पीटीशन रखा था इसमें कहीं ज्यादा डिजाइन भेजी गई थी लेकिन सिलेक्ट तो एक ही करना था और वह डिजाइन gustave Eiffel की थी| Eiffel एक मशहूर आर्किटेक्चर थे |

 एफिल टावर की शुरुआत?

 एफिल टावर की शुरुआत 1887 में बनाना शुरू किया था| एफिल टावर बनाते वक्त पेरिस के लोगों  ने इस गेट को बनाने के खिलाफ प्रदर्शन किया था| प्रदर्शनकारियों को लगा था कि एफिल टावर बनने से शहर की खूबसूरती को बिगाड़ देगा| लेकिन उसके प्रदर्शन के बावजूद भी ऐफील टावर बना | एफिल टावर को बनाया गया तब इसको 20 साल तक ही रखना था |

 1930 तक दुनिया का सबसे बड़ा ढांचा होने का श्रेय एफिल टावर को ही था|

 गुलाम देश के पैसों से बना सबसे बड़ा टावर|

  फ्रांस में बनना यह टावर अपने लोगों की मेहनत से नहीं बना| बल्कि उसे कैरेबियाई देश नीति के लोगों के आर्थिक शोषण करके बनवाया गया था| हैती फ्रांस का गुलाम था फ्रांसीसी यहां पर गन्ने के खेतों में गुलामी करवा कर मुनाफा कमाते थे | बाद में आजादी के लिए हैती के लोगों ने विद्रोह किया और नेपोलियन की सेना को हरा दिया| आजादी के लिए हैती के लोगों को 1.5 लाख करोड़ देने को कहा| इतनी लंबे समय तक यह कर्जा चुका कर हैती कंकाल हो गया |

 न्यूयॉर्क टाइम के रिपोर्ट्स के मुताबिक 1800 एक में हेतु के राष्ट्रपति lysius Salomon हैती के पहले नेशनल बैंक की घोषणा की लेकिन ए बैंक सिर्फ नामके लिए ही हैती का था इसके सभी फाइनेंस फ्रेंच थे| बैंक के जरिए फ्रेंच हैती पर पकड़ बनाए रखना चाहते थे इस बैंक को बनाने के लिए फ्रांस के क्रेडिट इंडस्ट्रियल कमर्शियल बैंक के सहयोग से बनाया गया था | इसीलिए फ्रेंच हैती बैंकों का पैसा का इस्तेमाल कर रहा था| और उनके पैसों से फ्रांसने एफिल टावर बनवाया | एक तरफ फ्रांस में हैती के पैसों से एफिल टावर बनवाया जा रहा था तो दूसरी तरफ  हैती  के लोगों को पास स्कूल और अस्पताल बनाने के लिए फंड भी नहीं था|

 एफिल टावर की पेंट

 ऐफील टावर की पेंट किए जाने पर कलर का वजन 10 हाथी के वजन के बराबर है | अब तक 18 बार इसका रंग बदला गया है| 7, 8 साल में पूरा टावर पेंट किया जाता है | पूरे टावर की पेंट पूर्ण करने में तीन साल लग जाते हैं| इस टावर को पेंट करने में 60,000 kg कलर की जरूरत पड़ती है| 


इस टावर में 20,000 लाइट बल्ब लगाई गई है जिसकी वजह से रात में बहुत खूबसूरत लगता है

 एफिल टावर को तोड़ने की कोशिश किसने की थी?


                    1940 को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने फ्रांस की राजधानी पेरिस पर कब्जा कर लिया था| के बाद हिटलर एफिल टावर सहित कहीं जगह पर गए| जो कि वह एफिल टावर की ऊपरी भागों पर नहीं पहुंच सका क्योंकि फ्रांस लोगों ने जानबूझकर लिफ्ट की वायर काट दी थी | क्योंकि हिटलर एफिल टावर पर ना पहुंच सके | हिटलर फ्रेंच की कलाकृति और स्मारकों को काफी पसंद करता था | 1944 में जर्मनी जंग हारने लगा तब हिटलर ने पेरिस को पूरी तरह से तबाह करने का आदेश दिया| जर्मनी ने एफिल टावर को तोड़ने के लिए विस्फोट बम की पुरीयोजना बना ली थी लेकिन ऐसा होने से पहले ही मित्र देश अपनी सेना लेकर पेरिस पहुंच गए और हिटलर की सेना एफिल टावर को तोड़ने से नाकामयाब रही 

ऐफील टावर मे स्मार्ट टेक्नोलॉजी

                     एफिल टावर में एक स्मार्ट प्लानिंग भी है इसकी वजह से वह आज तक खड़ा है| एफिल टावर को बनाने वक्त इसको 20 साल तक ही रखना था उसके बाद उसको तोड़ देना था| लेकिन उसके अंदर टेक्नोलॉजी की वजह से वह आज तक खड़ा है| इस टावर के अंदर भविष्य के लिए टेक्नोलॉजी डाली थी जैसे कि रेडियो ट्रांसमिशन वेदर मॉनिटरिंग के लिए सिस्टम | जो टावर पूरा बना तब भी लोगों को उतना पसंद नहीं आया था | पर जब मिलिट्री सिग्नल को टावर से कैच किया गया तब इसने दुनिया में जगह बना ली | इस टेक्नोलॉजी की वजह से ए टावर आज तक खड़ा है |

 आज एफिल टावर पेरिस की शान है |

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

धरती पर नर्क यानि काला पानी की जेल

Albert Einstein, दुनिया का सबसे जीनियस इंसान

Dinosaur...डायनासोर का अंत कैसे हुआ?