History of Changez khan: चंगेज खान आधी दुनिया पर राज करने वाला

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  चंगेज खान     चंगेज खान का निजी जीवन  1162 में चंगेज खान का जन्म हुआ था| उसका नाम तैमूजीन गया था| जब उसका जन्म हुआ था तब उसके दाहिने हाथ में खून का धब्बा था | मंगल के लोग उसे दिव्य संकेत मानते थे एक ऐसा बच्चा जो दुनिया में राज करेगा या तो उसको तबाह कर देगा| तेमुजीन के पिता आचुतेय थे वह वह मंगॉल के कबिलेके बहादुर सरदार थे | तैमूजीन 9 साल का था तब उसके पिताजी ताताड़ जनजाति ने जहर देकर मार डाला | पिता की मृत्यु के बाद उनके ही काबिले के लोगों ने तैमूजेन और उसके परिवार को बेसहारा छोड़ दिया | बर्फीले जंगलों में उसके परिवार को अकेला छोड़ दिया| तैमूजीन ने शिकार करना सिखाए इस तरह बचपन में अकेले रहने से उसके मन में ए बैठ गया कि जिनेके लिए किसी पर भरोसा नहीं करना | उसे अपनी ताकत पर ही भरोसा करना पड़ेगा|  समय जाते-जाते उसने छोटे-छोटे साथियों को फिर से जुड़ा | उसने देखा कि पुराने मंगोलियों की जाती आपस में ही लड़कर बर्बाद हो रही थी | तैमूजीन जनता था कि उसे कुछ बड़ा करना होगा इस बिखरी ताकत को एक करना होगा | लेकिन उन्हें खून के रिश्ते को नहीं वफादारी और काबिलियत के लोगों ...

abraham lincoln President of the United States : कैसे एक गरीब लड़का अमेरिका का राष्ट्रपति बना?

 अब्राहम लिंकन |

 अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16 में राष्ट्रपति थे ( अमेरिका के सबसे पसंदीदा राष्ट्रपति थे)

अब्राहम लिंकन के निजी जीवन के बारे में|

                            थॉमस लिंकन

                              नैंसी लिकंन

 अब्राहम लिंकन का जन्म 12 फरवरी 1809 में अमेरिका के राज्य Hardin county मैं हुआ था | उसके पापा का नाम थॉमस लिंकन था और माता का नाम नैंसी लिकंन था| लिंकन का जन्म बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था| जमीनी विवादों से उसको यह जगह छोड़नी पड़ी और knob creek farm आ गए | वहां पर भी वह खेती ही करते थे| यहां पर भी जमीनी विवाद हुआ और यह जगह भी उसको छोड़नी पड़ी| 1816 में इंडियाना की कोहियो नदी के किनारे पर रहने लगे | जहां पर उन्होंने जंगल में खेती करना शुरू किया ( आज भी उसके घर और खेतों को स्मारक के रूप में रखा गया है)

 यहां पर आकर अब्राहिम एक स्कूल में जाने लगे पर आर्थिक परिस्थितियों के कारण उसको खेती में मदद करना पड़ता था| लिंकन के पिताजी नहीं चाहते थे कि लिंकन आगे पढे| उसकी वजह से उसने पढ़ाई छोड़ दी लेकिन लिंकन को पढ़ाई का बहुत ही शौक था | लिंकन दूसरों की किताब लेकर जब भी वक्त मिलता था तो पढ़ाने लगते थे | लिंकन 9 साल के थे तब उसकी माता का देहांत हो गया | मां के जाने के बाद घर की जिम्मेदारी उसकी बड़ी बहन पर आती है| लिंकन जैसे-जैसे बड़े होते गए वह खेतों पर काम करने लगे और उसकी एक दुकान पर नौकरी मिलती है| लिंकन के पिताजी को लिंकन पढ़ाई करें वह बिल्कुल पसंद नहीं था इसलिए अब्राहिम खुद का खर्चा निकालने के लिए दुकान पर काम करते थे| और समय निकाल कर पढ़ाई भी करते थे | बिना किसी स्कूल कॉलेज जाए बिना घर पर ही उसने law की पढ़ाई शुरू की |

 लिंकन की पोस्ट मास्टर की नौकरी और राजनीती के बारे मे|

 कुछ समय बाद  एक गांव में पोस्ट मास्टर बन गये जिसकी वजह से लोग उनको जानने लगे थे और उनका सम्मान करने लगे थे | लिंकन ने दास प्रथा को खत्म करना चाहते थे| इसी विचार से के साथ उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन वह चुनाव में हार गए |चुनाव लड़ते वक्त उसने पोस्ट मास्टर की नौकरी भी छोड़ दी थी | इसलिए उसके पास अब पैसे भी नहीं थे | इस वक्त वह एक लड़की से प्यार करते थे लेकिन कुछ वक्त के बाद वह बीमारी से उसकी मृत्यु हो जाती है और इससे लिंकन बहुत ही दुखी होते हैं उन्हें हर जगह से नाकामयाबी मिलने लगी और वह बहुत ही डिप्रेशन में चले गए | उस समय उसके मित्र बाउलिंग ग्रीन ने उसका मनोबल बढ़ाया और उनकी मदद से वह एक बार फिर विधायक का चुनाव लड़ते है |1934 मे वह चुनाव जीत गये  | उस जीत के बाद उनकी गिनती युवा विधायक मे होने लगी| और धीरे-धीरे सभी युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने लगे|लिंकन विधानसभा में खुलकर बोलते थे| इसकी वजह से वहां भी उसकी बातों को महत्व दिया जाता था| 1836 मे अब्राहम लिंकन को वकील बनने के लिए लाइसेंस भी मिल गया था | इसके बीच उनकी मुलाकात एक मशहूर वकील से होती है| उसके साथ मिलकर वह काम करने लगे|लेकिन उनके साथी वकील ने भी इसका साथ छोड़ दिया क्योंकि वह गरीबों के केस की फि नही लेते थे| इसी वजह से वह वकालत में नाकामयाब रहे | और पूरे अपनी निजी जिंदगी में उसने कभी झूठा कैसे नहीं लिया | वह असफल रहे फिर भी उसने 20 सालों तक वकालत की | काम करने पर उसको सुकून मिलता था | वकालत में खूब ईमानदारी से काम करते थे कभी झूठा कैसे उसने नहीं लिया |

 1842  उसने मेरि टॉड नाम की लड़की से शादी की 

1854 मैं उन्होंने एक नई पार्टी ज्वाइन की | republication party  गुलामी के खिलाफ थी | 

 1858 में लिंकन ने अमेरिका के जाने-माने नेता dougslas के खिलाफ चुनाव लड़ा |dougslas गुलामी के पक्ष में थे | और लिंकन  गुलामी के खिलाफ थे |

 इस चुनाव में  सात ऐतिहासिक बहेस हुई थी जिन्हे आज कहते Lincon - Douglas डिबेट्स| इन बहेस को सुनने के लिए हजारों लोग एकट्ठा होते थे | उसी दौरान लिंकन ने एक लाइन कही थी जो आज भी दुनिया दोहराती है |

"A house divided against itself cannot stand."

 "एक बटा हुआ घर टिक नहीं सकता|"

 गुलामी या तो पूरी तरह से खत्म होगी या फिर पूरे देश को बांट देगी |

जब अब्राहम लिंकन 16 में राष्ट्रपति बने |


 1860 में लिंकन ने रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवारी के रूप में राष्ट्रपति चुनाव लड़ा | उनकी सादगी और गुलामी विरोधी सोचने उसे 16 वे राष्ट्रपति बना दिया |

 उनके चुनाव में दक्षिण राज्यों को चौंका दिया| लिंकन गुलामी के विरोध में थे इसलिए दक्षिणी राज्यों को लगा कि लिंकन अब गुलामी खत्म कर देंगे| लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही 11 दक्षिणी राज्य अमेरिका से अलग हो गए| इसका नतीजा यह हुआ की 11 दक्षिणी राज्यों मिलकर confederate of america बना लिया और यूनियन से अलग हो गए|

 अब अमेरिका में शुरू हो गया था गृह युद्ध | इस युद्ध ने देश को टूटने के कगार पर ला दिया | लिंकन ने साफ कहा मेरा लक्ष्य यूनियन को बचाना है | वह रात-भर जाग कर यूनियन को कैसे बचाया जाए इस पर रणनीति बनाते थे|

 1863 अमेरिका में बहुत बड़ा ग्रह युद्ध हुआ | जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई| थोड़े समय बाद लिंकन को वहां स्मारक समारोह में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया|| 19 नवंबर 1863 को लिंकन ने वहां सिर्फ 2 मिनट का भाषण दिया और वह शब्द हमेशा के लिए अमर हो गए | लिंकन ने  कहा 

" जनता का, जनता द्वारा, जनता के लिए शासन कभी नष्ट नहीं होगा"|

 यह शब्द सिर्फ युद्ध के बारे में नहीं था मगर यह शब्द लोकतंत्र के बारे में था| लिंकन की इस बात ने अमेरिका के लोगों और अमेरिका के सैनिकों को प्रेरित कर दिया| लिंकन के इस शब्द ने इतिहास बदल दिया| आज भी लिंकन के बारे में अमेरिका में पढाया जाता है |

 गुलामी का अंत|

1863 मे लिंकन ने "EMANCIPATION PROCLAMATION" पर हस्ताक्षर किए| इस हस्ताक्षर से बने हुए गुलाम को स्वतंत्र किया गया| अब अश्वेत लोग धीरे-धीरे सैना में भर्ती होने लगे | और अमेरिका में अश्वेत लोगों को गुलाम बनने पर रोक लगने लगी| लिंकन का यह फैसला न सिर्फ अमेरिका में किंतु पूरी दुनिया में मानव अधिकार का मिसाल बन गया|

 लिंकन की हत्या |

 अप्रैल 1865 मे अमेरिका में गृह युद्ध खत्म हुआ|लिंकन ने यूनियन को बचा लिया और गुलामी को हमेशा के लिए खत्म कर दिया |

 लेकिन 14 अप्रैल 1865 को एक थिएटर में JOHN WILKES BOOTH ने लिंकन को सिर में गोली मार दी | और 15 अप्रैल को लिंकन की मौत हो गई | जब लिंकन की मौत हुई तब उसकी उम्र 56 साल की थी| उसकी मौत की खबर सुनकर पूरा देश शोक में डूब गया|

 आज अब्राहम लिंकन को अमेरिका का सबसे महान राष्ट्रपति माना जाता है|



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