History of Changez khan: चंगेज खान आधी दुनिया पर राज करने वाला

दुनिया की सबसे महंगी पेंटिंग मोनालिसा|
मोनालिसा पेंटिंग किसने बनाई?
मोनालिसा की पेंटिंग को 1503 में लियोनार्दो द विंची ने बनाई| द विंची एक पेंटर, इंजीनियर, आर्किटेक्चर,साइंटिस्ट इन्हें इतने सारे विषयों की जानकारी थी चाहे वह पेंटिंग हो एस्ट्रोनॉमी हो बॉटनी हो हाइड्रोलॉजी हो जियोलॉजी हो ऑप्टिक्स वह एक अलग ही इंसान थे |
>>>ऐ पेंटिंग इनके द्वारा बनाई गई सबसे फेमस पेंटिंग है|<<<
ए पेंटिंग थी किसकी?
इस पेंटिंग को लेकर सबसे पहले खुलासा किया था गीओर्जिओ वसिरी ने एक इटालियन आर्टिस्ट द्वारा 1550 में द विची की आत्मकथा लिखी थी | वसिरी के अनुसार औरत लीजा घेरार्दीनी है | इसकी शादी एक फ्लोरन में रहने वाले सिल्क ट्रेड फ्रांसिस्को के साथ हुई थी| ऐसा कहा जाता है कि फ्रांसिस्को ने यह पेंटिंग अपनी बीवी के लिए कमीशन करवाई थी और यही से ऐ नाम सामने आते हैं
"madonna lisa"
मैडोना लीजा ए इटालियन भाषा में मैडम का शब्द मैडोना कहा जाता है |madonnalisa का मतलब हुआ madamlisa madonalisa का short फॉर्म बना दिया monalisa
कुछ लोगों का यह मानना है कि यह पेंटिंग खुद दा विंची की है| द विंची देखना चाहते थे कि वह एक औरत होते तो कैसे दिखते | 1987 lilian schwartz एक आर्टिकल को बढ़ावा दिया कि यह पेंटिंग द विंची की है |
लेकिन ए पेंटिंग लीजा की ही है यह साबित करने वाले फ्लोरेंस में रहने वाले एक प्रोफेसर ने 25 साल तक इस पेंटिंग पर रिचर्ज की और 2004 में क्लियर एविडेंस मिला द विंची और फ्रांसिस्को के परिवार करीबी रिश्तेदार थे | और बाद ऐ मालूम पड़ता लिसा की शादी 1495 में फ्रांसिस्को के साथ हुई थी| तब लिसा 16 साल की थी और फ्रांसिस्को 20 साल के थे| | लीजा 24 साल की थी तब पेंटिंग बनाई गई थी |
इस पेंटिंग को बनाने की दो वजह थी?
(1)कारण 1503 में फ्रांसिस्को और लीजा ने अपना खुद का घर खरीदा|
(2) 1502 में जब उन्हें दूसरा बेटा पैदा हुआ |
आखिर ए पेंटिंग फ्रांस में क्यों है?
मोनालिसा और द विंची इटालियन थे तो ए पेंटिंग फ्रांस में क्यों है| साल 1516 मे राजा फ्रांसिस वन ने द विंची को कहते है की वह फ्रांस में आकर रहने लगे इसलिए वो फ्रांस में आते हैं और उसके साथ वह पेंटिंग भी साथ ले जाते हैं | कहा जाता है कि इस पेंटिंग को अभी भी विंची ने पूरी नहीं की थी| पेंटिंग को शुरू करने के 15 साल बाद दिए पेंटिंग जारी है | 2 में 1519 में द विची का देहांत होता है |
Louve museum मैं कैसे पहुंची ऐ पेंटिंग?
1797 में फ्रेंच रिवॉल्यूशन होता है| इसी इसी दौरान इस पेंटिंग को राजा के महल से निकाल कर louve museum में रखी जाती है| इसी कारण की वजह से पेंटिंग इस म्यूजियम से 1911 में चोरी हो जाती है|
मोनालिसा की पेंटिंग किसने कैसे चुराई?
इस चोरी के मास्टरमाइंड थे विनसेंजो पेरूजिया जिन्होंने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर ए पेंटिंग चुराई थी | यह एक इटालियन नेशनलिस्ट थे | इनका मानना था कि यह पेंटिंग इटली के पास होनी चाहिए फ्रांस के पास नहीं | इसलिए इसे चुराके इटली के पास जाते हैं| इस पेंटिंग की कीमत 1 बिलीयन डॉलर है | आखिर क्यों इतनी खास है?
पेंटिंग की खासियत
मोनालिसा की पेंटिंग को पेपर या कपड़ों पर नहीं बनाया गया| इसे पेंट किया गया है पेपलर की लकड़ी पर| उस जमाने में यह लकड़ी इटालियन की फेवरेट लड़ी थी|
इस पेंटिंग की साइज बड़ी नहीं है यह पेंटिंग 77 cm by 53 cm की है
उसे जमाने की सबसे पहले ऐसी तस्वीर थी जो इंसानों मे इतनी फेमस करती थी| यह पेंटिंग एक हाफ लेंथ पॉट रेट है | उसे टाइम पर इस प्रकार की पेंटिंग कोई नहीं बनाता था| इसका कलर देख तो काफी सारे येलो, ब्राउन कलर की सीट दिखती है | यह पेंटिंग काफी डल सी दिखती है | यह इतनी येलोविश दिखती है कि एक प्रोफेसर नेटो लीजा की कोलेस्ट्रॉल कॉरपोरेशन डिक्लेयर कर दिया| इश्क कारण इस पेंटिंग पर एक वार्निश का लेयर लगाया गया है |
द वींची ने इस पेंटिंग में बड़े ही खास पेंटिंग की इस्तेमाल किया गया है जिसे सुमाटो कहा जाता है | आउटलाइन को ब्लर करना और कलर की बेडिंग करना ही सुमाटो की तकनीक है| यही राज है मोनालिसा की मिस्ट्रीयस स्माइल के पीछे |
पेंटिंग में मोनालिसा की स्माइल कैसी दिखती है?
पेंटिंग में मोनालिसा की मुस्कान को ध्यान से जितना आप इस मुस्कान को ध्यान से देखेंगे ही उसका चेहरा ज्यादा सीरियस दिखने लगेगा| परंतु मोनालिसा की आंखों में देखने पर आपको ऐसा लगेगा कि मोनालिसा मुस्कुरा रही है| मोनालिसा का चेहरा ज्यादा मुस्कराने लगता हे जब आप उसकी मुस्कान पर फोकस नहीं करते इसकी मुस्कान को बनाने के लिए द वींची ने सबसे ज्यादा समय लिया था | उन्होंने कहीं रहते फ्लोरेंस के अस्पताल में बीते ताकि जहां पर वह डेड बॉडी से खाल उतरकर उतरा करते थे| वह स्टडी करना चाहते थे कि चेहरे के अंदर जो मसल है कैसे उसमें से स्माइल आती है |
इस समय ए पेंटिंग कहां पर है?
इस पेंटिंग को 1914 में चोरी के बाद वापस Louve museum रख दिया जाता है| आज के दिन यह पेंटिंग यही रखी है बुलेट प्रूफ ग्लास के पीछे स्ट्रीक क्लाइमेट कंट्रोल कंडीशन मे जहा टेंपरेचर मेंटेन रखा गया 18c - 21c के बीच |
इस पूरी कहानी में सबसे इंटरेस्टिंग बात यह है कि चोरी के बाद ही मोनालिसा पेंटिंग की पापुलैरिटी बढ़ जाती है|
और यह दुनिया की नंबर वन फेमस पेंटिंग बन जाती है
Vah vah vah kya bat batayi hai
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