History of Changez khan: चंगेज खान आधी दुनिया पर राज करने वाला

चित्र
  चंगेज खान     चंगेज खान का निजी जीवन  1162 में चंगेज खान का जन्म हुआ था| उसका नाम तैमूजीन गया था| जब उसका जन्म हुआ था तब उसके दाहिने हाथ में खून का धब्बा था | मंगल के लोग उसे दिव्य संकेत मानते थे एक ऐसा बच्चा जो दुनिया में राज करेगा या तो उसको तबाह कर देगा| तेमुजीन के पिता आचुतेय थे वह वह मंगॉल के कबिलेके बहादुर सरदार थे | तैमूजीन 9 साल का था तब उसके पिताजी ताताड़ जनजाति ने जहर देकर मार डाला | पिता की मृत्यु के बाद उनके ही काबिले के लोगों ने तैमूजेन और उसके परिवार को बेसहारा छोड़ दिया | बर्फीले जंगलों में उसके परिवार को अकेला छोड़ दिया| तैमूजीन ने शिकार करना सिखाए इस तरह बचपन में अकेले रहने से उसके मन में ए बैठ गया कि जिनेके लिए किसी पर भरोसा नहीं करना | उसे अपनी ताकत पर ही भरोसा करना पड़ेगा|  समय जाते-जाते उसने छोटे-छोटे साथियों को फिर से जुड़ा | उसने देखा कि पुराने मंगोलियों की जाती आपस में ही लड़कर बर्बाद हो रही थी | तैमूजीन जनता था कि उसे कुछ बड़ा करना होगा इस बिखरी ताकत को एक करना होगा | लेकिन उन्हें खून के रिश्ते को नहीं वफादारी और काबिलियत के लोगों ...

History of X-Ray:X-Ray का आविष्कार कब और किसने किया था?

एक्स-रे कि शोध किसने की थी?


X-ray की शोध  8 november 1895 मे wilhelm Roentgen ने की थी| ऐ शोध  गलती से हुई गई खोज थी |

 Roentgen का जन्म 27 मार्च 1845 में जर्मनी में हुआ था | उनके पिता ने एक किसान थे और माँ घर का काम करती थी|

  1901 मे roentgen x-ray के लिए फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार दिया जाता है

 roentgen को पढ़ाई में इतनी दिलचस्पी नहीं थी | एक बार तो उसको स्कूल से भी निकाल दिया था| फिर भी उसने पढ़ाई शुरू रखी | उसके बाद वह फिजिक्स के प्रोफेसर बन | को अलग-अलग तरह के प्रयोग करने का बहुत शौक था | जब उसको टाइम मिलता था तब वह लेबोरेटरी में कुछ ना कुछ करते रहते थे|

 X-Ray की शोध किस तरह हुई?  



roentgen 1895 में एडवांटेज  कैथोड  ट्यूब रे  के लिए रिचर्च कर रहे थे| इस रिचार्ज के दौरान कमरे में उन्होंने अंधेरा कर हुआ था | अचानक उन्होंने देखा एक स्क्रीन पर कोई लाइट चमक रही है | लाइट को चमकता देखकर वह हैरान रह गई | उन्हें समझ नहीं आ रहा था लाइट कहां से आ रही है| रोएण्टगे जो प्रयोग कर रहे थे उसमें खूब टुब्स इस्तेमाल किया था| जो वेक्कुम शील्ड ग्लास ट्यूब  होती हे| इस ट्यूब  के अंदर से इलेक्ट्रिसिटी पास करने पर इनका कलर चेंज होता है| इन्हें आप एक तरह का काच का बल्ब भी मान सकते हो| इसके अंदर पॉजिटिव और नेगेटिव इलेक्ट्रॉन  लगे होते हैं |जब roentgen बल्ब ऑन किया तो बल्ब में से खूब करने निकल रही थी। roentgen ने कीरने के बीच एक कार्ड बोर्ड रखा हुआ था |roentgen ने देखा कि एक किरणे कार्ड बोर्ड में से प्रसार हो रही |roentgen को समझ नहीं आ रहा था कि किस प्रकार की लाइट है| 

 और उन्होंने इस रेस को x-rayका नाम दे दिया| आमदौर पर हम किसी का नाम नहीं पता होता तब x, y, z रख लेते हैं इसी तरह से इस प्रयोग roentgen ने x-ray का नाम दे दिया और इसी तरह x-ray का आविष्कार होता है | roentgen  ने अपने कीबोर्ड की जगह अपने हाथ को इस मशीन पर रखा उन्हें ने देखा कि यह लाइट हाथों की स्किन पार कर रही है पर हड्डियों के पार नहीं हो रही| जिस कारण से हाथों की हड्डियों नजर आ रही थी|Roentgen समझगये गई है कि उन्होंने गलती से ही सही पर एक महत्वपूर्ण खोज कर ली है|

 Roentgen को दुनिया  को इन बारे में बताने में कोई दिलचस्पी नहीं थी वह पहले अच्छी  तरह से जान लेना चाहते थे इसके बारे में| Roentgenने कई दिनों तक इस पर रिचर्च  जारी रखी | ज्यादा से ज्यादा रिचर्च करके उन्हें सफलता मिली|

 दुनिया का पहला X-Ray |


 22 दिसंबर 1895 में  Roentgen ने पत्नी को लेबोरेटरी में बुलाया और उनके हाथ पर x -रे किया यह दुनिया का पहला  x-ray था | जो सफल रहा

Roentgen ने अपनी रिचर्च मे यह भी बताया कि एक्सप्रेस स्ट्रेट लाइन में  ट्रैवल करती है| इनमें मैग्नेटिक फील्ड का कोई असर नहीं करता एक्स-रे इंसान कोई अपनी आंखों से नहीं देख सकता| ए विजिबल लाइट से काफी अलग होता है|

 X-ray सफलता 

 1896 मे Roentgen ने अपनी खोज के डॉक्यूमेंट को यूरोप के सभी बड़े वैज्ञानिक को भेज दिया | बहुत कम समय में उनका एक खोज पॉपुलर हो गया| न्यूज़पेपर मैगज़ीन और एडवर्टाइजमेंट में उनकी खोज के बारे में छापने लगे | अमेरिका और यूरोप में x -ray का जगह-जगह पर बोर्ड लग गए थे | लोग अपना x-ray करने के लिए दुकान के बाहर लंबी-लंबी लाइन में खड़े रहने लगे|अमेरिका में x -रे की प्रति दीवानगी ज्यादा बढ़ने लगी थी |

 1901 में  Roentgen को x-ray के लिए फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार दिया जाता है 

Roentgen एक महान वैज्ञानिक ही नहीं पर वो दयालू और उदार किस्म के व्यक्ति थे | नोबेल पुरस्कार में मिलने वाली रकम भी उसने अपनी यूनिवर्सिटी में दान कर दिया था| उन्होंने कहा कि एक्सरे मशीन को बेचना नहीं है इनको मेडिकल साइंस के लोग या  कोई भी लोग इनको खुलकर इस्तेमाल करें|

 एक्स-रे मशीन का उपयोग|


 कुछ ही समय बाद युद्ध में भी इस मशीन का उपयोग होने लगा| सैनिक को लगने वाली गॉली को देखने के लिए x-रे किया जाता था फिर गोली निकाली जाती थी |

 पथरी और फैक्चर में x-ray  एक वरदान साबित हुआ|

 X-ray के इस्तेमाल से समस्या |

 बाद में पता चला कि स-र का ज्यादा उपयोग करने से नुकसान भी होता है|

 लोगों के स्किन लाल होने लगी, कुछ लोगों की चेतना शून्य होने लगी, सर में दर्द होता था लोगों के बाल गिरने लगे इस सारी समस्या ज्यादा x-ray करवाने से होती थी | फिर इसमें ज्यादा रिचर्ज किया तो पता चला कि उनकी रेडिएशन से लोगों की हेल्थ में बुरा असर होता था | उसके बाद x-ray का मौजमस्ती मे इस्तेमाल करना बंद कर दिया|

 आज के समय में x-ray|

 आज के समय में x -रे का इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जा रहा है| कहीं पर गहरी चोट लगे तो डॉक्टर पहले उसको x-ray करवाने के लिए कहते है | मेडिकल के अलावा स्पेस और सिक्योरिटी परपस से इसका इस्तेमाल हो रहा है| पूरी दुनिया में x-ray का बहुत इस्तेमाल हो रहा है|






टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

धरती पर नर्क यानि काला पानी की जेल

Albert Einstein, दुनिया का सबसे जीनियस इंसान

Dinosaur...डायनासोर का अंत कैसे हुआ?